बुधवार, 14 मई 2025

"छाया की सच्चाई: एक अनोखी प्रेरणादायक कहानी जो सिखाए जीवन की दिशा"

एक समय की बात है। एक छोटे से गांव में एक लड़का रहता था — नाम था अर्जुन। वह सीधा-सादा और मेहनती था, लेकिन उसे अपनी परछाई से बहुत डर लगता था। जब भी सूरज की रोशनी में उसकी परछाई ज़मीन पर दिखाई देती, वह घबरा जाता और भागने लगता।

गांव वाले उसका मज़ाक उड़ाते। वे कहते, "कैसी अजीब बात है! कोई अपनी ही छाया से डरता है?" लेकिन अर्जुन का डर सच्चा था।

एक दिन वह डरते-डरते गांव के सबसे बूढ़े और ज्ञानी साधु के पास गया। अर्जुन ने कहा, "बाबा, मैं अपनी परछाई से बहुत डरता हूं, कृपया मेरी मदद कीजिए।"

साधु मुस्कराए और बोले, "कल सुबह सूरज उगने से पहले आना। मैं तुझे समाधान दूंगा।"

अगली सुबह, अर्जुन साधु के पास गया। साधु उसे एक खुली जगह पर ले गए और बोले, "अब जितना तेज़ भाग सकते हो, भागो — अपनी परछाई से दूर।"

अर्जुन दौड़ने लगा, तेज़ से तेज़, लेकिन परछाई साथ-साथ चलती रही। कुछ ही देर में वह थक कर बैठ गया।

साधु पास आए और बोले, "समझे? परछाई से भागा नहीं जा सकता। लेकिन एक तरीका है — देखो सूरज की तरफ।"

अर्जुन ने जैसे ही सूरज की ओर मुंह किया, उसकी परछाई उसके पीछे चली गई।

साधु बोले, "जीवन में डर, समस्याएं और असफलताएं तुम्हारी छाया की तरह हैं। अगर तुम इनसे भागते रहोगे, तो ये तुम्हारा पीछा करती रहेंगी। लेकिन जैसे ही तुम सच्चाई, उद्देश्य और उजाले — यानी अपने लक्ष्य — की ओर देखना शुरू करोगे, ये सब पीछे छूट जाएंगी।"

नैतिक शिक्षा:
डर और समस्याओं से भागने की जगह उन्हें समझकर, सच्चाई और अपने लक्ष्य की ओर आगे बढ़ना चाहिए। जब हम सही दिशा में चलते हैं, तो समस्याएं अपने आप पीछे छूट जाती हैं।

"छाया की सच्चाई: एक अनोखी प्रेरणादायक कहानी जो सिखाए जीवन की दिशा"

एक समय की बात है। एक छोटे से गांव में एक लड़का रहता था — नाम था अर्जुन। वह सीधा-सादा और मेहनती था, लेकिन उसे अपनी परछाई से बहुत डर लगता था। ...