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सोमवार, 15 जनवरी 2024

एक गांव की रहस्य वाली कहानी

एक गाँव में एक बच्चे ने एक पुराने पेड़ के नीचे बहुत दिनों तक बैठकर मेधावी बनने का संकल्प किया।
 रोज़ वह पेड़ के पास जाता और पुस्तकें पढ़ता था। एक दिन, उसने पेड़ के नीचे एक छुपा हुआ सीधा पड़ा हुआ चिट्ठा देखा। जब उसने उसे खोला, तो उसमें एक रहस्यपूर्ण उपदेश था।चिट्ठा कहता था, "अच्छे कर्म करने से भलाई होती है, परंतु उन्हें छुपाकर करने से और भी बड़ी भलाई होती है।" बच्चा ने यह उपदेश गहराई से समझा और उसने चिट्ठा को वापस छुपा दिया। उसने यह निश्चित किया कि वह अच्छे कर्म करेगा, परंतु उन्हें छुपाकर।बच्चा ने गाँववालों की मदद करना शुरू किया, लेकिन वह अपने कर्मों की चर्चा नहीं करता था। उसकी नेकीयों का परिचय सभी को हो गया, लेकिन उसका नाम रहस्यमय बना रहा। गाँववाल उसे "रहस्यपूर्ण बालक" कहने लगे।बच्चा ने दिनबद्धता से कर्म करते रहे और गाँव में सुख-शांति फैलाई। लोग उससे प्रेरणा लेने लगे और उसका रहस्यमय चरित्र उन्हें आत्म-समर्पण की ओर प्रवृत्ति करने के लिए प्रेरित करता रहा।गाँववालों ने समझा कि भलाई का सच्चा अर्थ उस बच्चे के जीवन में छुपा हुआ है, जो उन्हें सांत्वना और सुख दे रहा है। इस तरह, वह अनोखी और रहस्यपूर्ण कहानी बन गई, जो लोगों को नेकी की ओर प्रवृत्ति करने के लिए प्रेरित करती है।

छोटे कदम, बड़ी मंज़िल

छोटे कदम, बड़ी मंज़िल भाग 1: सपना और सच्चाई किसी छोटे से गाँव में एक लड़का रहता था— अर्जुन । वह गरीब था लेकिन उसके सपने बड़े थे।...