शनिवार, 5 अक्टूबर 2024

सच्ची मित्रता का महत्व

      सच्ची मित्रता का महत्व 

एक गाँव में दो दोस्त, रामू और श्यामू, रहते थे। दोनों बचपन से साथ खेलते और पढ़ते थे। 
रामू बहुत समृद्ध था, जबकि श्यामू एक गरीब किसान था। लेकिन उनकी मित्रता में कभी भी धन का अंतर नहीं आया।एक दिन, रामू को एक बड़ा व्यापार करने का अवसर मिला। उसने श्यामू को भी अपने साथ चलने के लिए कहा। श्यामू ने कहा, "मेरे पास पैसे नहीं हैं, लेकिन मैं तुम्हारा साथ दूंगा।" रामू ने उसे आश्वासन दिया कि वह उसकी मदद करेगा।जब वे व्यापार के लिए शहर गए, तो रामू ने बड़ी सफलता प्राप्त की। उसने अपने धन का कुछ हिस्सा श्यामू को दिया, ताकि वह अपने खेत में काम कर सके। लेकिन जैसे-जैसे रामू अमीर होता गया, वह अपने दोस्त को भूलने लगा। उसने श्यामू से मिलना-जुलना कम कर दिया और अपने नए दोस्तों में घुलने लगा।एक दिन, रामू को एक बड़ा नुकसान हुआ। उसके सभी व्यापारिक निवेश असफल हो गए और वह कंगाल हो गया। वह बहुत दुखी और अकेला महसूस करने लगा। तभी उसे श्यामू की याद आई। उसने सोचा, "श्यामू ने कभी मेरी समृद्धि की परवाह नहीं की, लेकिन मैंने उसे भुला दिया।"रामू ने श्यामू से संपर्क किया और उसे अपनी स्थिति बताई। श्यामू ने तुरंत रामू को अपने घर बुलाया। उसने न केवल रामू का स्वागत किया, बल्कि उसे अपने खेत में काम करने का भी प्रस्ताव दिया। श्यामू ने कहा, "मित्रता में कठिन समय में एक-दूसरे का साथ देना ही सच्चा मित्र होना है।"रामू ने अपनी गलती समझी और अपने दोस्त के प्रति आभार व्यक्त किया। दोनों ने मिलकर फिर से काम शुरू किया, और रामू ने सीखा कि सच्ची मित्रता धन से नहीं, बल्कि विश्वास और सहयोग से बनती है।इस कहानी से हमें यह सीख मिलती है कि सच्चा मित्र वही होता है, जो कठिन समय में भी आपके साथ खड़ा रहे। धन और समृद्धि के साथ-साथ हमें अपने मित्रों की अहमियत भी समझनी चाहिए।

शुक्रवार, 26 जनवरी 2024

एक गाँव में एक युवक था जिसका नाम आदित्य था।

एक गाँव में एक युवक था जिसका नाम आदित्य था। उसका आदर्श चरित्र और ईमानदारी के कारण गाँववाले उसे पसंद करते थे। एक दिन, गाँव में एक रहस्यमय मुद्दा सामने आया।गाँव के प्रमुख ने सभी गाँववालों को सभी संबंधित विवाद को हल करने के लिए एक सभा बुलाई। वहां आदित्य भी मौजूद था। सभा में एक अजीब सी तनाव था, और रहस्यमय तरीके से गाँव के सभी लोग इसमें शामिल थे।विवाद की जड़ एक बड़े धनाढ्य व्यापारी के साथ थी, जिसने गाँववालों के साथ नैतिक अनैतिकता का आरोप लगाया था। सभी को इस आरोप के लिए चरित्रमान रखने का आदान-प्रदान करना था।आदित्य ने इस स्थिति को समझते हुए अपने आदर्शों के लिए खड़ा होने का निर्णय लिया और अपने साक्षात्कार के दौरान एक रहस्यमय तथ्य को उजागर किया।समझदारी और सटीकता से आदित्य ने सबूत प्रस्तुत किए और यह सिद्ध किया कि आरोप अनधिकृत था। सभी ने आदित्य की सामर्थ्यवर्धन की सराहना की और गाँव में नैतिकता और इमानदारी के महत्व को फिर से महसूस किया।इसके परिणामस्वरूप, गाँव में सब फिर से एक-दूसरे के साथ मिलजुल कर रहने लगे और वहां की सामाजिक सजगता में सुधार हुआ। आदित्य की सच्चाई ने न केवल गाँववालों के बीच समर्थन पैदा किया, बल्कि उसने एक बड़े आदान-प्रदान व्यापारी को भी सीधा किया। इसके बाद, गाँव का नाम अपनी नैतिकता और एकता के लिए मशहूर हुआ।यह घटना सबको यह सिखाती है कि नैतिक मूल्यों का पालन करना हमेशा सही होता है और इन्हें बनाए रखना समृद्धि और समर्थन का स्रोत बना सकता है।

सोमवार, 15 जनवरी 2024

एक गांव की रहस्य वाली कहानी

एक गाँव में एक बच्चे ने एक पुराने पेड़ के नीचे बहुत दिनों तक बैठकर मेधावी बनने का संकल्प किया।
 रोज़ वह पेड़ के पास जाता और पुस्तकें पढ़ता था। एक दिन, उसने पेड़ के नीचे एक छुपा हुआ सीधा पड़ा हुआ चिट्ठा देखा। जब उसने उसे खोला, तो उसमें एक रहस्यपूर्ण उपदेश था।चिट्ठा कहता था, "अच्छे कर्म करने से भलाई होती है, परंतु उन्हें छुपाकर करने से और भी बड़ी भलाई होती है।" बच्चा ने यह उपदेश गहराई से समझा और उसने चिट्ठा को वापस छुपा दिया। उसने यह निश्चित किया कि वह अच्छे कर्म करेगा, परंतु उन्हें छुपाकर।बच्चा ने गाँववालों की मदद करना शुरू किया, लेकिन वह अपने कर्मों की चर्चा नहीं करता था। उसकी नेकीयों का परिचय सभी को हो गया, लेकिन उसका नाम रहस्यमय बना रहा। गाँववाल उसे "रहस्यपूर्ण बालक" कहने लगे।बच्चा ने दिनबद्धता से कर्म करते रहे और गाँव में सुख-शांति फैलाई। लोग उससे प्रेरणा लेने लगे और उसका रहस्यमय चरित्र उन्हें आत्म-समर्पण की ओर प्रवृत्ति करने के लिए प्रेरित करता रहा।गाँववालों ने समझा कि भलाई का सच्चा अर्थ उस बच्चे के जीवन में छुपा हुआ है, जो उन्हें सांत्वना और सुख दे रहा है। इस तरह, वह अनोखी और रहस्यपूर्ण कहानी बन गई, जो लोगों को नेकी की ओर प्रवृत्ति करने के लिए प्रेरित करती है।

शनिवार, 23 दिसंबर 2023

motivational quotes

असली मेहनत की कहानी: एक गाँव में रहने वाला लड़का अपने सपनों को पूरा करने के लिए दिन-रात मेहनत करता था। उसकी मेहनत ने उसे सफलता की ऊचाइयों तक पहुंचाई।साहस और संघर्ष: एक नये शहर में आने वाला युवक ने अपने संघर्षों का सामना करते हुए अद्भुत सफलता हासिल की और दूसरों को भी प्रेरित किया।सहायता का महत्व: एक छोटे से गाँव की कहानी जिसमें एक बच्चा अपने साथी को सहायता करके एक बड़े परिवर्तन की ओर बढ़ा।सपने की ऊँचाई: एक गरीब लड़के ने अपने सपने को पूरा करने के लिए कठिनाईयों का सामना किया और अपने परिवार को गरीबी से बाहर निकाला।सकारात्मक सोच: एक नये शहर के बच्चे ने अपनी सकारात्मक सोच के बल पर जीवन को बदला और दूसरों को भी इस प्रेरणादायक रास्ते पर चलने के लिए प्रेरित किया।

रविवार, 16 मई 2021

करवा चौथ स्पेशल- प्रियंका चोपड़ा ने पति निक जोनस के लिए रखा व्रत:-

करवा चौथ स्पेशल- प्रियंका चोपड़ा ने पति निक जोनस के लिए रखा व्रत:-

पूरे भारत में करवा चौथ का त्यौहार हर सुहागिन के लिए भावनाओं और परम्पराओं से जुड़ा हुआ दिन है जो बहुत ही खास होता है।

विश्व सुंदरी और बॉलीवुड की देसी गर्ल प्रियंका चोपड़ा निक जोनस से शादी करने के बाद लॉस एंजेलिस शिफ्ट हो गयी हैं और अपना अधिकतर समय भी वो वहीँ बिताती है।

प्रियंका दिल से पूरी भारतीय है और अपनी परम्पराओं को बिलकुल भी नहीं भूली हैं,

वो हर भारतीय त्यौहार अपने पति के साथ मनाती हैं और इन अवसरों पर अपनी तस्वीरें भी रेगुलर शेयर करती रहती हैं। 

वो विदेश में रहते हुए भी कोई भी त्यौहार मनाना मिस नहीं करती हैं और हर भारतीय परंपरा का पालन करती है। 

4 नवम्बर को करवा चौथ था और बॉलीवुड ही नहीं सभी भारतीय पत्नियों ने अपने पति की लम्बी उम्र के लिए उपवास रखा था और साथ ही इस त्यौहार को बड़े ही उत्साह के साथ मनाया भी था।  

प्रियंका चोपड़ा ने इस करवा चौथ के इवेंट को इन्स्टाग्राम के जरिये बहुत ही खुबसूरत पोस्ट के जरिये साझा किया जिसमें

उनके हाथ में पारंपरिक पूजा की थाली थी और लाल साड़ी पहने हुए वो बहुत ही खूबसूरत और प्यारी लग रही थी।

साथ ही उन्होंने दूसरी तस्वीर शेयर करते हुए लिखा कि "सभी को करवा चौथ की शुभकामनाएं, आई लव यू निक जोनस, क्या यह स्वीट नहीं है ?"

प्रियंका की यह पोस्ट इतनी वायरल हो गयी कि करवा चौथ के त्यौहार पर सिर्फ वो ही छा गयीं।

पहली तस्वीर में प्रियंका और निक एक दुसरे को निहारते हुए बहुत ही प्यारे अंदाज़ में नज़र आ रहे है और उनकी ये तस्वीर देखकर सभी ने यही कहा कि "जोड़ी ही तो ऐसी" ।

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इस आर्टिकल में लिखी गई बातें लेखक के निजी विचार हैं, रोज़धन ना ही इन विचारों को दर्शाता है ना ही इनकी पैरवी करता है.

"छाया की सच्चाई: एक अनोखी प्रेरणादायक कहानी जो सिखाए जीवन की दिशा"

एक समय की बात है। एक छोटे से गांव में एक लड़का रहता था — नाम था अर्जुन। वह सीधा-सादा और मेहनती था, लेकिन उसे अपनी परछाई से बहुत डर लगता था। ...