हिंदी कविता
मेरा गाँव
कितना प्यारा मेरा गाँव
सुन्दर सा है मेरा गाँव
गाँव में रहते दादी-दादा
और साथ में रहते माता-पिता
साथ में भाई-बहन भी रहते
आपस में मिलजुलकर खेलते
सब मिलके है साथ में रहता
परिवार में एकता रहता
घर का मुखिया दादा था
जो कहता सो करता था
गाँव में सब कोई प्यार से रहता
कभी न कोई लड़ता-झगड़ता
गाँव में जब गर्मी आता
सब बगीचे में है जाता
बैठ कर सब बातें करता
कोई हँसता कोई गाता
ऐसा प्यारा मेरा गाँव
सब को भाता अपना गाँव
----------> नूर आलम अंसारी (नूर बाबू)<---------
मेरा गाँव
कितना प्यारा मेरा गाँव
सुन्दर सा है मेरा गाँव
गाँव में रहते दादी-दादा
और साथ में रहते माता-पिता
साथ में भाई-बहन भी रहते
आपस में मिलजुलकर खेलते
सब मिलके है साथ में रहता
परिवार में एकता रहता
घर का मुखिया दादा था
जो कहता सो करता था
गाँव में सब कोई प्यार से रहता
कभी न कोई लड़ता-झगड़ता
गाँव में जब गर्मी आता
सब बगीचे में है जाता
बैठ कर सब बातें करता
कोई हँसता कोई गाता
ऐसा प्यारा मेरा गाँव
सब को भाता अपना गाँव
----------> नूर आलम अंसारी (नूर बाबू)<---------
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