रेशमी नूर की प्रेम कहानी
2018
लेखक:-
मो0 नूर आलम अंसारी (नूर बाबू)
भूमिका
इस किताब के सभी कहानी वास्तविक है ! ये कहानी एक प्रेमिका ओर प्रेमी का है ! जो दोनों एक दूसरे से बहुत प्यार करते थे ! दोनों में अच्छा संबंध भी था ! मगर एक दिन दोनो को उसके घरवाले अलग कर देता है ! ओर उस लड़की कि शादी कही दूसरे से तय कर देता है ! दोनो में किस तरह प्यार हुवा , वो दोनो कैसे एक दूसरे से मिले, ओर दोनो में फिर दूरी कैसे हुईं ! ये सब बातों को इस कहानी में बताया गया है ! ये एक गांव की कहानी है ! ओर दोनो एक ही गाँव का रहने वाला है !
लेखक :-
मो0 नूर आलम अंसारी (नूर)
किताब की सूची :-
1. दोनो की पहली मुलाकात
2. दोनों का सफर
3. प्यार का इज़हार
4. छुप -छुप के दोनों का मिलना
5. बन गया दोनों एक दूसरे का दीवाना
6. हुवे दोनों एक दूसरे से जुदा
7. अब हो गई वो किसी ओर की
1. दोनों की पहली मुलाकात
दोस्तो ये कहानी मेरी ही है ! मेरी कहानी बताता हूँ ! आप सबको मैं अपनी ही जुबानी ! मेरा नाम नूर है ! ओर उसका नाम रेशमी है ! दोनों का गांव एक ही है ! गांव का नाम मोमिनटोला भेलागंज जिला कटिहार बिहार है ! वो मेरे गांव की थी पर मैं उसे बचपन में ही देखा था ! मुझे नही मालूम था की वो बड़ी होकर इतनी खूबसूरत होगी ! ओर मैं अपने गांव में नही रहता था ! मैं मुम्बई में रहता था ! मैं बहुत साल के बाद मुम्बई से घर आया था ! अपने गांव में मोहर्रम देखने के लिए ! मैं जब उसे मेले में देखा तो मैं पहचान नही पाया के वो लड़की कौन है ! मैं उसके तरफ बहुत देर तक देखता ही रहा ! ओर वो भी मुझे देख रही थी ! फिर थोड़ी देर के बाद वो अपने सहेलियों के साथ मेले में घुमने लगी ! मैं फिर अपने दोस्तों से पूछा उस लड़की के बारे में , तो दोस्तो ने कहा ये अपने ही गांव की है ! क्या तुम नही पहचानते हो ? मैं बोला नही नहीं पहचानता हूँ ! फिर दोस्तो ने कहा तुम अपने गांव में रहोगे तब तो तुम को मालूम होगा ! मैं फिर अपने दोस्तों को उस लड़की के बारे में बोला यार वो मुझे बहुत पसंद आगई ! तुम लोग मेरे साथ चलो मैं उस लड़की से बात करना चाहता हुँ ! मेरे कहने पर मेरे दोस्तों ने मेरे साथ मेले के अंदर गए ! मेले में मेरी नज़र सिर्फ उसे ही ढूंढ रही थी ! मेले में भीड़ बहुत थी,ओर वो मुझे दिखाई नही दे रही थी ! मैंने सोचा जब वो मेले के अंदर आई तो मेले में ही तो होना चाहिए ! पर दोस्तो ने कहा यार मेले में तो भीड़ बहुत है ! हम उसे किधर ढूंढें , चलो बाद में तुम उससे मिल लेना ! मगर मेरा दिल नही मान रहा था ! दोस्तो ने कहा चलो कुछ खाते हैं ! मेरा खाने का तो मन नही करता था ! पर दोस्तो के बातों को टाल भी नही सकता था ! कियोंकि बहुत साल बाद हमलोग मिले थे ! इस लिए हमलोग होटल की तरफ जैसे जा ही रहे थे की वो लड़की भी उसी होटल में खाने के लिए जा रही थी ! जब मेरी नज़र उस पर परी तो मैं उसे देखने लगा ओर वो भी मुझे देख कर मुस्कुराने लगी ! मैं काफी खुश हुवा की मैं जिसे मेले में तलास कर रहा था ! उसे भगवान ने खुद ही सामने भेज दिया ! मैंने उससे बात करने की कोसिस की पर किया बोलूं कुछ समझ में नही आ रहा था ! मैं फिर दोस्तो के साथ टेबल पर खाने के लिए बैठ गये ! वो भी मेरे ही नजदीक वाले टेबल पर बैठ गई ! फिर किया हम दोनो एक दूसरे को बस सिर्फ देखते ही रहे ! फिर जब होटल से बाहर आने लगे तो वो ही खुद मुझसे बोली ,तुम्हारा नाम नूर है न मैं तुम को पहचानती हूँ! तुम को किया गांव का याद कभी नही आता था ! तुम तो जैसे गांव को भूल ही गए थे ! मैंने बोला नही अगर मैं भूल जाता तो फिर वापस नही आता ! वैसे तुम्हारा नाम किया है ! क्यों मेरा नाम तुम्हे नही मालूम है ! मैंने बोला नही अगर मालूम होता तो फिर मैं तुम से कियों पूछता ! मेरा नाम रेशमी है ! फिर हम दोनो ने बात करना सुरु कर दिया ! मुझको उसकी हर अदा पसंद आगया था ! वो मेरे हर बात पर मुस्कुराती थी ! मुझे उसकी ये अदा भी बहुत पसंद आया ! मेरा दिल सिर्फ उससे ही बात करते रहने का दिल करता था ! मह दोनो ने बहुत देर तक बात किया ओर फिर शाम हो गया ! वो बोली अब हमे घर चलना चाहिए ! वो फिर मुझसे पूछने लगी तुम अभी घर जाओगे या बाद में ,मैंने बोला नही चलो तुम्हारे ही साथ में चलते हैं ! मेरे दोस्तो ने कहा तुम इसके साथ ही जाओ ओर अपने दिल की भी बात कर लेना ! फिर हम दोनो अपने गांव की तरफ जाने लगे ! वो मुझे बोली के तुम फिर वापस मुंबई कब जा रहे हो ! ...... Soon tomorrow
2018
लेखक:-
मो0 नूर आलम अंसारी (नूर बाबू)
भूमिका
इस किताब के सभी कहानी वास्तविक है ! ये कहानी एक प्रेमिका ओर प्रेमी का है ! जो दोनों एक दूसरे से बहुत प्यार करते थे ! दोनों में अच्छा संबंध भी था ! मगर एक दिन दोनो को उसके घरवाले अलग कर देता है ! ओर उस लड़की कि शादी कही दूसरे से तय कर देता है ! दोनो में किस तरह प्यार हुवा , वो दोनो कैसे एक दूसरे से मिले, ओर दोनो में फिर दूरी कैसे हुईं ! ये सब बातों को इस कहानी में बताया गया है ! ये एक गांव की कहानी है ! ओर दोनो एक ही गाँव का रहने वाला है !
लेखक :-
मो0 नूर आलम अंसारी (नूर)
किताब की सूची :-
1. दोनो की पहली मुलाकात
2. दोनों का सफर
3. प्यार का इज़हार
4. छुप -छुप के दोनों का मिलना
5. बन गया दोनों एक दूसरे का दीवाना
6. हुवे दोनों एक दूसरे से जुदा
7. अब हो गई वो किसी ओर की
1. दोनों की पहली मुलाकात
दोस्तो ये कहानी मेरी ही है ! मेरी कहानी बताता हूँ ! आप सबको मैं अपनी ही जुबानी ! मेरा नाम नूर है ! ओर उसका नाम रेशमी है ! दोनों का गांव एक ही है ! गांव का नाम मोमिनटोला भेलागंज जिला कटिहार बिहार है ! वो मेरे गांव की थी पर मैं उसे बचपन में ही देखा था ! मुझे नही मालूम था की वो बड़ी होकर इतनी खूबसूरत होगी ! ओर मैं अपने गांव में नही रहता था ! मैं मुम्बई में रहता था ! मैं बहुत साल के बाद मुम्बई से घर आया था ! अपने गांव में मोहर्रम देखने के लिए ! मैं जब उसे मेले में देखा तो मैं पहचान नही पाया के वो लड़की कौन है ! मैं उसके तरफ बहुत देर तक देखता ही रहा ! ओर वो भी मुझे देख रही थी ! फिर थोड़ी देर के बाद वो अपने सहेलियों के साथ मेले में घुमने लगी ! मैं फिर अपने दोस्तों से पूछा उस लड़की के बारे में , तो दोस्तो ने कहा ये अपने ही गांव की है ! क्या तुम नही पहचानते हो ? मैं बोला नही नहीं पहचानता हूँ ! फिर दोस्तो ने कहा तुम अपने गांव में रहोगे तब तो तुम को मालूम होगा ! मैं फिर अपने दोस्तों को उस लड़की के बारे में बोला यार वो मुझे बहुत पसंद आगई ! तुम लोग मेरे साथ चलो मैं उस लड़की से बात करना चाहता हुँ ! मेरे कहने पर मेरे दोस्तों ने मेरे साथ मेले के अंदर गए ! मेले में मेरी नज़र सिर्फ उसे ही ढूंढ रही थी ! मेले में भीड़ बहुत थी,ओर वो मुझे दिखाई नही दे रही थी ! मैंने सोचा जब वो मेले के अंदर आई तो मेले में ही तो होना चाहिए ! पर दोस्तो ने कहा यार मेले में तो भीड़ बहुत है ! हम उसे किधर ढूंढें , चलो बाद में तुम उससे मिल लेना ! मगर मेरा दिल नही मान रहा था ! दोस्तो ने कहा चलो कुछ खाते हैं ! मेरा खाने का तो मन नही करता था ! पर दोस्तो के बातों को टाल भी नही सकता था ! कियोंकि बहुत साल बाद हमलोग मिले थे ! इस लिए हमलोग होटल की तरफ जैसे जा ही रहे थे की वो लड़की भी उसी होटल में खाने के लिए जा रही थी ! जब मेरी नज़र उस पर परी तो मैं उसे देखने लगा ओर वो भी मुझे देख कर मुस्कुराने लगी ! मैं काफी खुश हुवा की मैं जिसे मेले में तलास कर रहा था ! उसे भगवान ने खुद ही सामने भेज दिया ! मैंने उससे बात करने की कोसिस की पर किया बोलूं कुछ समझ में नही आ रहा था ! मैं फिर दोस्तो के साथ टेबल पर खाने के लिए बैठ गये ! वो भी मेरे ही नजदीक वाले टेबल पर बैठ गई ! फिर किया हम दोनो एक दूसरे को बस सिर्फ देखते ही रहे ! फिर जब होटल से बाहर आने लगे तो वो ही खुद मुझसे बोली ,तुम्हारा नाम नूर है न मैं तुम को पहचानती हूँ! तुम को किया गांव का याद कभी नही आता था ! तुम तो जैसे गांव को भूल ही गए थे ! मैंने बोला नही अगर मैं भूल जाता तो फिर वापस नही आता ! वैसे तुम्हारा नाम किया है ! क्यों मेरा नाम तुम्हे नही मालूम है ! मैंने बोला नही अगर मालूम होता तो फिर मैं तुम से कियों पूछता ! मेरा नाम रेशमी है ! फिर हम दोनो ने बात करना सुरु कर दिया ! मुझको उसकी हर अदा पसंद आगया था ! वो मेरे हर बात पर मुस्कुराती थी ! मुझे उसकी ये अदा भी बहुत पसंद आया ! मेरा दिल सिर्फ उससे ही बात करते रहने का दिल करता था ! मह दोनो ने बहुत देर तक बात किया ओर फिर शाम हो गया ! वो बोली अब हमे घर चलना चाहिए ! वो फिर मुझसे पूछने लगी तुम अभी घर जाओगे या बाद में ,मैंने बोला नही चलो तुम्हारे ही साथ में चलते हैं ! मेरे दोस्तो ने कहा तुम इसके साथ ही जाओ ओर अपने दिल की भी बात कर लेना ! फिर हम दोनो अपने गांव की तरफ जाने लगे ! वो मुझे बोली के तुम फिर वापस मुंबई कब जा रहे हो ! ...... Soon tomorrow
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